चिकन खाने वालों पहले एक बार ये जरूर जान लो, नही तो हो सकता है आपकी जान को खतरा

दोस्तों भारत में हर एक इंसान चिकन का शौकीन है। और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में हर एक इंसान चिकन का आनंद लेता है। लेकिन दोस्तों यह चिकन आजकल का चिकन न रहा बल्कि एक प्रकार का केमिकल बन गया है। जो आपको चिकन के नाम पर दिया जा रहा है। दोस्तों बात करें मुर्गे के चिकन के बारे में दोस्तों मुर्गे का चिकन एक एंटीबायोटिक चिकन होता है।






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जिसमें आर्सेनिक की मात्रा सबसे अधिक होती है। दोस्तों आजकल के मुर्गे एक फार्म में बड़े किए जाते हैं। जिनको बड़े करने के लिए एंटीबायोटिक औषधियों का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में मुर्गे को दाना कम तथा दवाइयां ज्यादा दी जाती है। इसलिए मुर्गे का आकार बहुत तेजी से बढ़ता है और मालिक का खर्चा भी बहुत कम होता है।






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लेकिन दोस्तों जब हम इस मुर्गे के चिकन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो हमारे शरीर में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ जाती है। दोस्तों रिसर्च के अनुसार एंटीबायोटिक दवाएं उन लोगों को दी जाती है। जो बहुत ही गंभीर रूप से बीमार होते हैं। इन लोगों के इन्फेक्शन को दूर करने के लिए यह दवाई दी जाती है। लेकिन जब यह दवाई किसी स्वस्थ आदमी को दी जाए तो क्या होगा।